Janani Suraksha Yojana गर्भवती महिलाओं के लिए भारत सरकार की एक बहुत ही महत्वपूर्ण योजना है, विशेषकर बिहार जैसे राज्यों में जहां ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच सीमित है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य शिशु मृत्यु दर (आईएमआर) और मातृ मृत्यु दर (एमएमआर) को कम करना है। यह योजना गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित प्रसव और नवजात शिशुओं की देखभाल के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करती है।
Janani Suraksha Yojana का उद्देश्य?
इस योजना का मूल उद्देश्य गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित प्रसव और बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना है। इस योजना के तहत गर्भवती महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है ताकि वे अस्पताल जाकर सुरक्षित प्रसव करा सकें।
बिहार में इस योजना का महत्व बहुत अधिक है, क्योंकि यहां स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच बहुत कम है और कई महिलाएं घर पर ही बच्चों को जन्म देती हैं, जो उनके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। जननी सुरक्षा योजना के तहत, मां और बच्चे दोनों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उन्हें अस्पतालों में ही प्रसव कराने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
सर्कार द्वारा आर्थिक मदद:
Janani Suraksha Yojana के तहत गरीब गर्भवती महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। बिहार में इस योजना के तहत गर्भवती महिलाओं को ग्रामीण क्षेत्रों में 1,400 और शहरी क्षेत्रों में 1,000 रुपये की आर्थिक मदद दी जाती है। जबकि, प्रसव के तुरंत बाद परिवार नियोजन का स्थायी तरीका अपनाने पर माता को 2,000 रुपये तथा प्रसव के सात दिन बाद नियोजन करवाने पर 3,000 रुपये की आर्थिक सहायता देने का प्रावधान है। इस आर्थिक मदद से गर्भवती महिलाएं स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठा सकेंगी और सुरक्षित प्रसव करा सकेंगी।
Janani Suraksha Yojana के लिए पात्रता:
इस योजना का लाभ उठाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण शर्तें निर्धारित की गई हैं:
गरीब परिवार: इस योजना का लाभ केवल गरीब परिवारों की गर्भवती महिलाएं ही उठा सकती हैं।
भारत की मूल निवासी: लाभार्थी महिला भारत की मूल निवासी होनी चाहिए।
पहला या दूसरा बच्चा: इस योजना का लाभ केवल पहले या दूसरे बच्चे के जन्म पर ही मिलेगा।
सुरक्षित प्रसव: इस योजना का लाभ केवल उन्हीं महिलाओं को मिलेगा जो अस्पताल में प्रसव कराएंगी।
Janani Suraksha Yojana मैं पंजीकरण प्रक्रिया:
इस योजना का लाभ उठाने के लिए गर्भवती महिलाओं को पंजीकरण कराना आवश्यक है। डॉ. सिन्हा ने बताया कि इस योजना का लाभ लेने के लिए गर्भवती महिलाओं को आशा कार्यकर्ताओं की मदद से प्रसव और बच्चे के जन्म के लिए सरकारी अस्पतालों में अपना पंजीकरण कराना होगा।
इसके साथ ही, गर्भवती महिलाओं के लिए उचित आहार सुनिश्चित किया जाता है और गर्भधारण के समय से ही फ्रंट लाइन कार्यकर्ताओं (आशा कार्यकर्ता और स्वास्थ्य कार्यकर्ता) की मदद से प्रसव पूर्व जांच की जाती है।
इसके अलावा, जांच के बाद आवश्यक दवाइयां भी महिलाओं को फ्री मैं दी जाती हैं, जो घर पर प्रसव के दौरान संभव नहीं है।
निष्कर्ष:
Janani Suraksha Yojana बिहार में गर्भवती महिलाओं के लिए एक वरदान की तरह साबित हो रहा है। इस योजना के तहत दी जाने वाली आर्थिक सहायता और स्वास्थ्य सेवाओं के कारण अब महिलाओं का अस्पतालों में सुरक्षित प्रसव हो रहा है, जिससे न केवल उनकी बल्कि उनके नवजात बच्चों की भी सुरक्षा सुनिश्चित हो रही है।
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